दो लोग आपस में बात कर रहे थे।
😂: यार ये देख, ये कबूटिया कौन है? इसकी फ़ोटो देख। एक दम कोई स्मैकिया लग रहा है। बाल भी उड़े हुए हैं और दाढ़ी तो जैसे दादा की लगा ली है। कैसे-कैसे लोग fb पर आ जाते हैं।
😬: तुझें पता है? ये कौन हैं?
😂: हाँ Shubhanahu Singh Chauhan.
😬: तो ये बात उनके प्रोफाइल pic पर जा के लिख दे न? दाढ़ काहे फटे जा रही है लिखने में?
😕: अब क्या कहूँ। लिख दूँगा तो पता नहीं वो क्या करे। कहीं ब्लॉक मार दिया तो?
😒: मतलब क्या है तेरा? जुड़ा ही क्यों है उनसे जब पसन्द नहीं करता तो? तेरा 1 भी लाइक नहीं देखा मैंने उनकी किसी post में।
😧: अब कुछ कह दूँ जो जैसे बाकियों की धोते हैं मेरी भी धुल देंगे तो अपनी बेइज़्ज़ती न करवानी उनसे। like इसलिये नहीं करता क्योंकि उनको और मेरे दोस्तों को पता चल सकता है कि मुझे उनकी सभी post पसन्द आती हैं।
😮: अभी तो कह रहा था कि स्मैकिया हैं वो?
😧: तो वो मैं फ़ोटो की बात कर रहा था। फ़ोटो और शक्ल का क्या अचार डालना है? ये आदमी सिर्फ नास्तिकता पर नहीं लिखता बल्कि और भी बहुत कुछ लिखता है जो बहुत रोमांचक है, नया है और हैरान करने वाला है।
एक पोस्ट से असहमत हो भी जाओ तो दूसरी से सहमत होना ही पड़ता है। अब बताओ कैसे छोड़ दूं इनको? जितना ये जानते हैं उतना मेरा पण्डित बाप भी नहीं जानता तो बताओ कौन बड़ा?
पता नहीं क्या है इस आदमी में कि बस दिन भर इसी की पोस्ट पढ़ता रहता हूँ। आदमी है या कंप्यूटर? इतना जानकारी लाता किधर से है? अपने से तो गूगल पर गूगली ही हो जाती है। एक दिन में 50 पोस्ट कर देता है ये। ज्यादा भी। कोई भरोसा नहीं।
😑: अबे करेले के बीज, तू बुराई कर रहा है या तारीफ?
😁: यार कुछ मत पूछ, मेरा तो दिमाग ही बन्द हो गया है। दिन भर इसी के post दिमाग में घूमते रहते हैं। खुद दुनिया से भरोसा उठने लगा है। ये आदमी है क्या चीज़?
😏: भाई तू रहन दे। दिमाग पर ज्यादा जोर न डाल। तू समझने लगा है उनको और तुझे पता है वे क्या कहते हैं?
😶: क्या कहते हैं?
😀: जो उनको समझ गया, वो गया...
😗: मतलब मर गया?
☺: नहीं। उनके जैसा हो गया और फिर तू भी समाज में अजूबा बन जायेगा और मूर्ख समाज तुमको भी उनकी तरह पागल कहेगा। यानी तुम्हारी सामान्य ज़िन्दगी गई। दोस्त और रिश्तेदार भी। फिर वह मरे के समान ही हुआ न? दूसरे के लिए?
😊: अच्छा ये बात है। सुन एक बात कहूँ?
😏: बोल?
😁: भाड़ में जाये दुनिया!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें