पूर्व में हुए महान लोगों की उपलब्धियों को देखते हुये लगता है कि इनके जितना कर पाना सम्भव नहीं है। लेकिन ये तो मुझे भी स्कूल देख के लगा था कि इसे पास कर पाना सम्भव नहीं है। पहाड़ देख कर कभी नहीं लगता कि हम कभी इस पर चढ़ भी पाएंगे लेकिन पता भी नहीं चलता कब पार कर गए हम उसको।
अतः मान लीजिये कि पहले वाले लोगों ने कुछ ज्यादा नहीं कर पाया तभी तो हम आज भी दुःखी हैं। आप और हम मिल कर उनसे भी बड़े महापुरुष/महास्त्री बन कर दिखलायेंगे। आ जाओ इस अघोषित प्रतियोगिता में। छोड़ दो घर-बार घर-गृहस्थी। हो जाओ आज़ाद और निकल पड़ो, कलम और कागज लेकर अपना जीवन बदलने। विचार बनाये मानव, मानव बनाये दुनिया। विचार बनाये दुनिया।
कहीं ठोकर खाना तो मुझे खूब गालियां देना लेकिन कुछ बन जाओ तो मेरा नाम न लेना। अपनी ही शक्ति से तुम कुछ पा लोगे। मेरे नाम से सब खो जाएगा। सब तुम्हारा होकर भी मेरा हो जाएगा। तुम सब पाकर भी खो दोगे। मुझ को मील का पत्थर समझो और भूल जाओ।
तुम अपना जीवन लाये थे उसे जी जाओ। इस असली ज्ञान को पी जाओ। छोड़ो आलस, और अपने चाहने वालों को, जियो अपने सपने अपने ही दम पर। आओ, निकलो घर से, निकलो समाज से, अकेले हो जाओ। दुनिया तुमको ढूंढेगी, तुमसे मिलना चाहेगी। अभी कुछ नहीं हो तुम तब बहुत कुछ होंगे। अभी बुद्धू हो तुम, तब बुद्ध होंगे। ~ Vegan Shubhanshu Singh Chauhan Religion Free, आह्वान एक नए युग का, आह्वान एक नए जीवन का, आह्वान एक नई सदी का। 🙆
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