शुभ: डॉक्टर साहब मुझे बहुत भयंकर बीमारी हो गयी है।
Dr: क्या बीमारी है?
शुभ: एक दम सफेद सच बोल देता हूँ।
Dr: 😂 हो ही नहीं सकता। प्रमाणित करें।
शुभ: बाहर जो नर्स बैठी है उसे आप जानते हैं?
Dr: हाँ, वह मेरी बेटी है। अभी नर्सिंग का कोर्स फिनिश करके मेरे ही हॉस्पिटल में भर्ती हुई है उसकी।
शुभ: मैं बाहर अभी वेटिंग में बैठा था तो मुझे प्यास लगी। मैंने नर्स से पानी मांगा। उसने लाकर दे दिया। फिर मुझे पता नहीं क्या हुआ मुझे हल्का सा चक्कर आया और मैं गिरते-गिरते बचा। आपकी बेटी ने मुझे पकड़ लिया था। फिर हम दोनों साथ में बैठ गए और मैंने अपना सिर उसकी गोद में रख लिया। अरे Dr साहब आप ये गुस्से वाला मुहँ क्यों बना रहे हैं?
Dr: अ...वो मैं बना नहीं रहा हूँ। वह अपनेआप बन गया। आप ध्यान न दें। आगे बताइये जल्दी। क्या हुआ फिर...(दांत पीसते हुए)।
शुभ: हाँ तो Dr साहब, फिर मैंने ऊपर देखा।
Dr: गोद में लेटे-लेटे?
शुभ: जी। लेकिन मुझे कुछ दिखा नहीं।
Dr: क्या मतलब?
शुभ: मेरा मतलब, कुछ बीच में था तो मैं आपकी बेटी का चेहरा नहीं देख पा रहा था लेटे हुए।
Dr: जल्दी बोल आगे...हफ़...हफ़...
शुभ: सत्यवादी का अपमान? आप गुस्सा क्यों हो रहे हैं? अभी आपने प्रमाण माँगा था और अब गुस्सा हो रहे हैं।
Dr: अरे हां! आपकी बीमारी बहुत गजब है। तभी आप इतना ख़तरा उठा रहे हैं। मानना पड़ेगा। आगे बताओगे sir जी?
शुभ्: ये हुई न बात। तो आगे सुनिए। फिर मैंने उठना चाहा तो मैं उस अवरोध से टकरा गया और फिर वापस गोद में गिर गया।
Dr: (घूंरते हुए) हाँ-हाँ आगे बोलो। कुछ नहीं।
शुभ: फिर मुझे उठने का मन ही नहीं हुआ। वह भी मेरे बालों में उंगलियां फिराने लगी तो अच्छा लगने लगा था।
Dr: आगे बोल झोपड़ी के...कब से यही अटका हुआ है। अ...न न मेरा मतलब वो नहीं था। सॉरी। कृपया ज़ल्दी से आखिर में पहुंचिये।
शुभ: एक दम से आखिर में?
Dr: हाँ आखिर में क्या हुआ? ज़ल्दी कहिये मुझे और भी पेशेंट देखने हैं।
शुभ: तो मैं बाद में आता हूँ।
Dr: अरे कहां चले? रुको। ऐसे नहीं जा सकते आप। पूरी बात बताये बिना।
शुभ: लेकिन अभी आपने कहा कि मरीज देखने हैं।
Dr: भाड़ में जाये मरीज। आपको देखूंगा आज सिर्फ।
शुभ: Okay! फिर यह हुआ कि मुझे सूसू आई और मैं उठने लगा। पानी पीने के बाद पेशाब आती है मुझे।
Dr: आगे...?
शुभ: मैं चलने को हुआ तो वह भी मुझे टॉयलेट तक ले गयी। मैंने कहा कि मैं अपने आप कर लूंगा तो वह बोली कि नर्स से शर्माना नहीं चाहिए। आप मुझसे डरे बिना अंदर चलिये।
Dr: गुर्र...
शुभ: क्या हुआ?
Dr: आगे...?
शुभ: आगे नहीं बताऊंगा।
Dr: ये लो 10000 रुपए और बताओ।
शुभ: आपके हॉस्पिटल में टॉयलेट का दरवाजा खराब है क्या? हम दोनों अंदर गए तो वह बन्द हो गया और खुला ही नहीं। बहुत देर तक। ये क्या है आपके हाथ में? Gun। हॉस्पिटल में gun कैसे लाये आप?
Dr: तुम उसे मत देखो बालक। आगे बोलो।
शुभ: आगे नहीं बताऊंगा। आपके इरादे नेक नहीं लग रहे।
Dr: ये लो 50000 रुपये। अब बताओ।
शुभ: 1 घण्टा हम अंदर बन्द रहे। इस दौरान हमारी जान पहचान हो गई। उसने आपके बारे में काफी कुछ बताया। जैसे आप 2 नंबर का पैसा किधर छुपाते हो और आपका कितनी नर्सों से चक्कर है आदि।
Dr: ये लो 10 लाख का चेक। व्हाइट मनी। किसी से कुछ मत कहना।
शुभ: जी इसकी क्या ज़रूरत थी। मैं क्यों किसी को कुछ बताउंगा भला?
Dr: आपको सत्य बोलने की खतरनाक बीमारी जो है।
शुभ: देखा। आखिर आप मान गए न। अब दवाई लिखो आप।
Dr: अब सोनी मेरा मतलब नर्स कहाँ है?
शुभ: आप फोन कर लो उसे। मेरी जान मत खाओ।
Dr: Ok। मतलब सब ठीक है। आप अपना blood सेंपल दीजिये। अभी तक ऐसी दवा बनी नहीं है जो झूठ बोलना सिखा दे या सच छुपाना। हम आपके ब्लड सीरम से दवा बनाएँगे। (डॉक्टर रक्त निकाल लेता है।)
शुभ: Okay!
Dr: आप 1 हफ्ते बाद मुझे इस नम्बर पर काल कर लेना।
शुभ: Okay!
Dr: रुकना यार।
शुभ: जी?
Dr: फिर क्या हुआ यार? आपके जानकारी लेने के बाद?
शुभ: जी मैंने इनकम टैक्स विभाग को फोन लगाया।
Dr: बेड़ा गर्क हो। सत्यानाश हो गया। तुझें तो मैं जिंदा गाड़ दूँगा।
शुभ: रिलेक्स। मैंने फोन लगाया लेकिन वह आउट ऑफ कवरेज जा रहा था।
Dr: Oh! बच गया। ये लो 20 लाख का चेक और। सब बियरर हैं। ऐश करो।
शुभ: आगे सुनाऊं?
Dr: ज़रूर।
शुभ: मैंने दोबारा try किया तो उठ गया फोन उधर से।
Dr: वापस कर सारे चेक कमीने!
शुभ: रिलेक्स। वह नम्बर कहीं और लग गया था। रोंग नम्बर था वह।
Dr: अरे! अभी जो बोला, उसके लिए माफी।
शुभ: कोई बात नहीं। सोनी के बारे में आप भूल गए एक दम।
Dr: अरे हां। उसका क्या हुआ?
शुभ: मेरे साथ टॉयलेट में बन्द हो जाने को लेकर मैं बहुत डर गया था कि कहीं सोनी ने शोर मचा दिया कि मैं उसके साथ कुछ कर रहा हूँ तो क्या होगा?
Dr: शाबाश! फिर क्या हुआ? उसने शोर मचाया?
शुभ: नहीं। उसने कहा कि वह कुछ बोलेगी तो सबको पता चल जाएगा कि वह मेरे साथ टॉयलेट में बन्द थी।
Dr: फिर? क्या हुआ? दरवाजा कैसे खुला?
शुभ: अपने आप थोड़े ही खुला। हम दोनों ने ताकत लगाई तब जाकर खुला। हम धोखे से एक साथ दरवाजे से टकरा गए और हम एक साथ बाहर आ गिरे। वह मेरे ऊपर थी।
Dr: ऐसा क्या कर रहे थे तुम दोनों?
शुभ: हमने एक साथ धक्का दिया दरवाजे को।
Dr: अच्छा। कितने धक्के मारे दोनो ने मिल कर।
शुभ: क्या? अ... होंगे 40-50 धक्के।
Dr: इतने धक्के लगाने पड़े? तब तो दरवाजा बहुत बुरा अटका होगा।
शुभ्: अरे कहां? आपकी लड़की ने ही उसमे अपनी चिमटी फंसा के जाम किया था।
Dr: अरे नहीं। सोनी बहुत बिगड़ गयी है। उसने कुछ कहा तुमसे? इस बारे में?
शुभ्: हाँ, कह रही थी कि चिमटी नहीं मिल रही। बार-बार बाल माथे पर आ रहे थे उसके।
Dr: और कोई बात जो कहना चाहते हो?
शुभ्: जी, उसने मुझे आपके घर कल आपके पीठ पीछे मिलने को बुलाया है। मुझे लगा कि आपको बताना चाहिए।
Dr: ओह। सही किया बताकर आपने। आना कल। कोई बात नहीं। मेरी बेटी की चॉइस कभी गलत नहीं हो सकती। मैं तो अब कल घर उस टाइम पर जाऊंगा नहीं।
शुभ: जी धन्यवाद!
अगले दिन मैं Dr साहब के घर गया। खूब मस्ती की हम दोनों ने। चैस खेला। फिर घर आ गया। क्रमशः ~ Vegan Shubhanshu Singh Chauhan 2018©
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सोमवार, जून 11, 2018
डॉक्टर की डॉटर
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