प्रश्न: भारत विकसित देशों के समान तरक्की क्यों नहीं करता?
उत्तर: Well, क्योकि हम सबकुछ हैं (पंजाबी, मराठी, up वाले, बिहारी, कश्मीरी, पहाड़ी, बंगाली, मुस्लिम, हिन्दू, सिख, जैन आदि) लेकिन भारतीय नहीं इसलिये।
देश टुकड़ों में बंटा है, और बंटना चाहता है। हमें हर दूसरे राज्य के, स्थान के, वर्ग के लोगों से नफरत है। प्रेम किधर है? सिर्फ नामों में? किताबों और फिल्मों में?
सभी अपना-अपना देखते हैं। किसी को परवाह है जैसे दिल्ली, मुम्बई वाले, लेकिन बाकी जगह वालों को परवाह ही नहीं है देश की। सबको अपने घर में सफ़ाई चाहिए लेकिन देश में नहीं।
अपनी चीज अपनी और सरकारी यानी सार्वजनिक संपत्ति को चुरा लाएंगे या तोड़ देंगे। किसी को विकास चाहिए ही नहीं। जब तक खुले में हगने में आंनद आता रहेगा तब तक देश यूं ही देश की टट्टी से महकता रहेगा। ~ शुभाँशु जी 2018©
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