🙏: शुभ जी आप 6 घण्टे से लगातार ज़ोरदार आवाज में ज्ञान बाँट रहे हैं। कुछ देर शांत हो जायंगे क्या?
शुभ:👍
🙏: 👏
शुभ: 🙋 ✌
🙏: अब ये क्या? ये पेशाब जाने जैसी उंगली क्यों दिखा रहे हैं?
शुभ: मैडम जी मुझे बहुत जोर से विचार आ रहा है।
🙏: 😓 😕 😥 😵...
शुभ: अरे ज़ल्दी कीजिये कहीं निकल गया तो?
🙏: अरे क्या खाते हैं आप? बोलिये।
शुभ: निकल गया...! 🙎
😨: क्या निकल गया?
शुभ्: अरे विचार निकल गया दिमाग से। पानी से ईंधन बनाने की इंस्टेंट तकनीक सोची थी। आपके देर करने से लगा कि आपको रुचि नहीं। इसलिये भूल गया। 😬
~ शुभाँशु जी 2018©
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