नेता जनता को पति समझ कर उसकी सेवा करने का संकल्प लेता है। लेकिन ज्यादातर मामले में जनता मर जाती है।
उसपे मारने का आरोप न लगे इसलिये पहले से विधवा बना घूमता है।
अब कोई मुझे, सच्चाई, पवित्रता, सादगी, ईमानदारी, शांति का रंग सफेद मत बताने लगना नहीं तो अच्छा नहीं होगा। नेता ऐसे नहीं होते। हाँ ये और बात है कि कायरता यानी संधि का रंग भी सफेद होता है यह हम मानते हैं। ~ Mr. Shubhanshu 2018©
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